'' दो दिलों का मिलन''

( Romantic Hindi Kahani )


आपको क्या लगता हे की प्यार सिर्फ शादी से पेहेले होता हे, शादी के बाद नहीं? ये कहानी पड़ने के बाद आपको पता चल ही जायेगा की, सच किया हे।

दोस्तों, चलिए शुरू करते हे आज की कहानी दो दिलों का मिलन एक शादी शुदा जिंदगी का एक प्यारी सी मधुर प्रेम कहानी 'Amaging Romantic Kahani'।


कल अभिषेक ने एक साड़ी लाया और टेबिल पर रख दिया। पायल ने कल रात को ही देखा था की टेबिल पर एक साड़ी पड़ा हे लेकिन तब बह साड़ी को हाथ नहीं लगाया था।

लेकिन अगले दिन सुबह जब पायल ने घर की साफ सफाई कर रहा था तब पायल की नजर टेबिल पे राखी हुयी साड़ी के पास एक चिट्ठी पर पड़ी।

पायल ने तुरंत उस चिट्ठी को आपने हाथों में लिया और पड़ने लगी।

उसमे लिखा था की,

( Romantic Hindi Kahani )

मेरी पायल,

तुम्हारी गुस्सा देखने केलिए मुझे हार दिन दिल करता हे की में घर थोड़ा देर से लौटू। वैसे भी तुम ज्यादा गुस्सा नहीं करते हो,

मगर में जब देर से घर लौट ता हु तो तुम मुझे डाटती हो, मुझे तुम्हारी डाटना बहुत ही अच्छा लगता हे। तब दिल करता हे की में तुम्हे आपने बाहोंमे लपेट लू।

लेकिन तुमको तो पाता हे में इतना रोमांटिक नहीं हु, दरासल पढ़ाई और नकरी को लेकर इतना बेस्त रहता हु की में तुम्हे सही से बक्त ही नहीं सकता हु।

और तुम जान बूझकर मुँह फुलाकर बैठी रहती हो, याकिन करो, तुम जब गुस्सा करती हो ना तब तुम्हे बहुत अच्छा लगता हे। शायद सभी लड़की जब गुस्सा करता हे तब उन्हें बहुत अच्छा लगता हे मगर मुझे उतना पाता नहीं।

लेकिन तुम्हे में जनता हु, गुस्से में इतना प्यारी लगती हो जो कहकर तुम्हे समझा नहीं सकता हु। दिल करता हे हार रोज में तुम्हे अपने बाहोंमे लपेट लू लेकिन पाता नहीं किसी अज्ञात कारन की बजह से नहीं कर पाता हु।

हार रोज देर से घर लौटने की कारन सिर्फ बही हे की में सिर्फ तुम्हारा गुस्सा बाला चेहरा देखना चाहता हु। जो तुम्हारी गुस्से भरी चहरे की पीछे छुपा हे एक अनदेखा ढेर सारे प्यार।

बहुत प्यार करता हु तुमसे इसलिए में आपने प्यार को आपने ही दिल में छुपाकर रखता हु। में सुबह जल्दी उठता हु ताकि सूरज तुम्हे देखने से पेहेले में देख सकू।

रोशनी मुझे पसंद नहीं हे, लेकिन किया कर सकता हु रोशनी के बिना तुम्हे दिखाई नहीं देता इसलिए में सर्बदा रोशनी के सामने आपने सर झुकता हु।

छोड़ो ये सब बाते, कल जो में तुम्हारे लिए एक साड़ी लाया था बह टेबिल पर रखा था मगर तुम्हारी हाथो में नहीं दे सका।

अभी ये चिट्ठी पड़ने की बहाने सईद बह साड़ी आपने हाथों में लेंगे। सईद बह साड़ी तुम्हे पसंद नहीं आया हे इसलिए में तुम्हे बह साड़ी तुम्हारे हाथों में नहीं दिया था।

तुम्हे पाता हे, में कभी भी साड़ी अकेला नहीं ख़रीदा। माँ के लिए जब साड़ी खरीद ने जाता था तब भी माँ को साथ साथ में लेकर जाता था।

कभी भी आपने पसंद से साड़ी नहीं खरीद सका। सईद तुम्हारी पसंद की अनुसार साड़ी नहीं खरीद सका इसलिए तुम्हे ना देकर टेबिल पर रख दिया था।

लेकिन तुम्हे में जनता हु, दुस्से में इतना प्यारी लगती हो जो कहकर तुम्हे समझा नहीं सकता हु। दिल करता हे हार रोज में तुम्हे अपने बाहोंमे लपेट लू लेकिन पाता नहीं किसी अज्ञात कारन की बजह से नहीं कर पाता हु।

में तुन्हे वादा करता हु, एकदिन तुम्हारे लिए सच्चा में एक बहुत ही सुन्दर साड़ी खरीद कर दूंगा। और ये एक आदत भी बन जाएगी। और तुम्हारी पसंद ना पसंद का भी मुझे पाता लग जायेगा।

"तुम्हारी अभीषेक"

( Romantic Hindi Kahani )

अभीषेक का चिट्ठी पड़के ने बाद पायल की होटो पर हल्का सा मुस्कराहट दिखाई दी। पायल ने अभिषेक का पत्र पढ़कर थोड़ा हैरान थी।

जो अभिषेक पायल के सामने ठीक से नहीं खड़ा होता बह अभिषेक अपने दिल के एक कोने में आपने पत्नी केलिए ढेर सारा प्यार भी छुपाया रख सकता हे?

पायल की सपना था की, उसका एक हैंडसम पति होगा, और बह बहुत ही रोमांटिक होगा लेकिन अभिषेक के अंदर तो रोमांटिक बोलकर कोई चीज ही नहीं हे।

लेकिन अब देखो अभिषेक के दिल में रोमांटिक का गहरा समुन्दर हे। पायल भी अभिषेक को बहुत ही प्यार करता हे। लेकिन कोई किसीसे अपने दिल में छुपी हुयी प्यार की खुलासा नहीं करता।

अब अभिषेक की चिट्ठी पड़कर पायल को साड़ी पेहेन ने की दिल कर रहा था। तोड़ी देर बाद दरबाजा पर ठक ठक आवाज आयी।

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पायल ने तुरंत जा कर दरबाजा खोला। अभिषेक पायल को देखकर हैरान हो गया। अभिषेक ने एक पल के लिए सोचा की बह गलत दरबाजे पे आ गया हे।

उसने एक बार आपने आँख मरोर कर देखा तो, नहीं ये पायल ही हे। फिर भी अभिषेक ने पायल को नजर अंदाज करके आपने घर के अंदर चला गया।

ऐसा देखरहा हे की, जैसे पायल को रोज बह इसी हालत में देखता हे। पायल को बह समझे ने नहीं दिया की बह पायल को देखकर चौक गए थे।

अभिषेक ने खाना खाकर आपने बिस्तर पर लेटा हुआ था। तभी दरबाजा बंद करने की आवाज आयी। अभिषेक ने समझ लिया की पायल कामड़े में आया।

पायल कामड़े में आते ही अयना के सामने चुप चाप बैठ गया। और बार बार खुद को अयना में देख रहे थी इसलिए की कहा कोई कमी तो नहीं होगयी।

जल्दी से दोपहर की काम ख़तम करके आपने इच्छा अनुसार बह साझ धज की हे और अभिषेक जो साड़ी लाया था बह भी पेहेना हुयी हे सिर्फ और सिर्फ अभिषेक के लिए।

और बह एक बार केलिए पूछा तक नहीं। पायल को खुद पे ही बहुत गुस्सा हो रहा था। आपने सर को झुककर अयना के सामने बेठा हुआ था पायल ने।

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इधर अभिषेक को और बिस्तर पे लेटा हुआ बर्दास्त नहीं हो रहा था क्यूंकि पायल ने अभिषेक को चुम्बक की तरह आपने तरफ खींच रहा था।

अभिषेक की दिल बार बार अभिषेक को कहे रहा था, तू पायल के पास जा और उसे आपने बाहोंमे लपेट ले, बह सिर्फ तेरे लिए ऐसे साझ धज किये हे।

अभिषेक ने धीरे धीरे चलकर पायल के पीछे जाकर खड़ा हो गया। पायल समझ ही नहीं पाया की कोई उसके पीछे खड़ा हे। अभिषेक बहुत दिल कर रहा था की पीछे से पायल को आपने गले लगाने केलिए।

लेकिन एक अज्ञात कारन के बजह से बह नहीं कर पा रहा था। फिर भी अभिषेक ने सभी अज्ञात कारन को तोड़कर पायल को आपने गले से लगा लिया।

पायल ने चौक गया और खुद को छुड़ाते हुए देखा की अभिषेक ने उसे आपने गले लगाया। पायल ने थोड़ा हैरान हुआ लेकिन पायल की दिल के अंदर छुपा हुआ प्यार बाहार निकलने लगा।

पायल भी खुद को रोक नहीं पाया और अभिषेक को आपने दोनों हाथों से अभिषेक को अपने बहो में लगा लिया। दरसल गुस्सा और अभिमान छुपाया जा सकता हे,

लेकिन दिल में छुपा हुआ प्यार छुपाना न मुमकिन हे। अभिषेक ने पायल को आपने दोनों हाथों से आपने बहो में लेकर पायल की पुरे बदन को चूमने लगा।

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पायल भी आपने दोनों हाथों से अभिषेक की पुरे शरीर को बुलाने लगा। तब अभिषेक ने आपने कामड़े की लाइट बंद की और दोनों प्यार की गहरा समुन्दर में डूब गया।

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